एक समय में एक काम करो. और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उस में ड़ाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ… सबको गिला है बहुत कम मिला है, ज़रा सोचिए..जितना आपको मिला है उतना कितनों को मिला है जब कोई ‘हाथ’ और ‘साथ’ दोनो छोड़ देता है.. तब कुदरत कोई ना कोई उंगली पकड़ने वाला भेज हो देता है।