बिल्ली के गले में घंटी और चूहों की सभा
Short Moral Story In Hindi – एक बहुत बड़े माकन में सैकड़ो चूहे रहते थे। उन सब की जिंदगी हस्ते, खेलते, फुदकते, बड़े आनंद से गुजर रही थी परन्तु एक दिन अचानक घर का मालिक एक बिल्ली उठा लाया। बिल्ली क्या आयी चूहों की तो जैसे समेत आ गयी हो। बिल्ली बहुत डरावनी थी उसे ढ़ेर सारा दूध पिने को मिलता था परन्तु फिर भी उसकी संतुष्टि नहीं हो रही थी वह घंटो लेती रहती तीन चार चूहे तो वह रोज़ पकड़कर खा जाती थी।
समस्या दिन व दिन गंभीर होती जा रही थी थक हार कर चूहों ने सभा बुलाई। जिसमे हर छोटा बड़ा चूहा समिला हुआ। एक बोलै – हमें इस मुसीबत से छुटकारा पाना ही होगा, भाइयो अपने-अपने सुझाव दो की बिल्ली को कैसे मारा जाये या कैसे उससे पीछा छुड़ाया जाये।
बहुत समय तक खुसुर-फुसुर होती रही। काफी देर बाद एक नन्हा चूहा आगे बढ़ा और बोला क्यों न बिल्ली के गले में घंटी बांध दे जहा कही भी वो जाएगी घंटी की आवाज आ जायेगी और हम अपने-अपने बिल में छुप जायेंगे तो बिल्ली हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगी।
चारो ओर तालिया बजने लगी, वाह वाह यह तो सच-मुच बड़ा अद्भुद उपाय था। चूहों ने कहा अरे इस नन्हे का विचार तो सचमुच कमाल का है लगता है अब हमारे फिर सुहाने दिन लौटने वाले है। अब हमें किसी तरह का भय खाने की जरुरत नहीं है आराम से चैन की बासुरी बजायेंगे।
सदा के लिए मुसीबत से छुटकारा अरे इस नन्हे ने तो हमारी चिंता का सदा के लिए अंत कर दिया इसे सम्मान मिलना चाहिए।
एक बूढ़ा चूहा जो चुपचाप एक कोने में बैठा हुआ था वह बोला – सुनो जरा मेरी भी सुनो तुम सब एक बात भूल रहे हो, एक बात तो बताओ बिल्ली के गले में घंटी बाँधेगा कौन?
सब के होश उड़ गए कौन मौत के मुँह में जाये किसी में भी इस काम को पूरा करने का पीड़ा उठाने की हिम्मत नहीं थी। ऐसा खतरनाक काम कौन पसंद करता। सभी एक दूसरे का मुँह ताकते रह गए।
अचानक बिल्ली की आवाज आयी, मिआऊ.. सभी अपनी अपनी जान बचाने के लिए अपने अपने बिलो में घुस गए।
शिक्षा – सुझाव देना आसान है परन्तु अमल करना मुश्किल।