Chanakya Niti Motivational Speech In Hindi – चाणक्य निति की 7 बाते

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Chanakya Niti Motivational Speech In Hindi - चाणक्य निति की 7 बाते

चाणक्य की 7 सबसे महत्वपूर्ण बातें – आज हम बात करने वाले है चाणक्य निति के बारे में चाणक्य निति को आप जितनी बार पढ़ेंगे, जितने अच्छे से पढ़ेंगे उतना ही ज्यादा आप अपने जीवन के बारे में सीखेंगे। चाणक्य ने किसी भी बातो को डिप्लोमेटिक तरीको से नहीं कहा उन्होंने कभी भी किसी की चापलूसी नहीं की जो भी बात जैसी भी थी उन्होंने लोगो के सामने लाये और उसे लोगो को सिखाने की कोशिश की और हां कुछ लोगो को उनकी बातें कड़वी जरूर लगती थी क्योंकि सच हमेशा कड़वा ही होता है। आज हम सिखने वाले है चाणक्य निति की 7 सबसे इम्पोर्टेन्ट बातें जो हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा जरुरी है इसलिए ध्यान से और एक भी point miss मत करियेगा नहीं तो इसमें नुक्सान आप का ही है।

1. समस्या को जड़ से ख़त्म करे

चाणक्य निति से सबसे पहले हमे सिखने को मिलता है की समस्या को सिर्फ Solve ना करे उसे जड़ से ख़त्म कर दे। हम लोगो की आदत होती है की समस्याओ को धीरे-धीरे सॉल्व करते रहते है लेकिन कभी ये नहीं सोचते है की समस्या को जड़ से ही ख़त्म कर देना चाहिए ताकि वो समस्या भविष्य में कभी ना आये।

यदि आप एक स्टूडेंट है तो मेरी इस बात को अच्छे से समझ पाएंगे और यदि हिंदी मीडियम से है फिर तो बहुत ही अच्छे से समझ पाएंगे। आपने इंग्लिश सिखने के लिए कितनी बार Tense सीखें अगली क्लास में गए फिर से Tense सीखें आप बड़े हुए किसी कोचिंग क्लास में गए आपने फिर से Tense सिखने की शुरुआत की लेकिन हुआ क्या आप Tense भी नहीं सिख पाए और इंग्लिश भी नहीं सिख पाए।

इसका मतलब क्या? आपने थोड़े समय के लिए समस्या को सॉल्व जरूर किया। जब तक Tense Exam में आते थे और आपको जरुरत थी तब तक आपने सॉल्व जरूर किया लेकिन उस समस्या को हमेशा के लिए जड़ से ख़त्म नहीं किया इसलिए बार-बार आपको वो चीज़ सिखने की जरुरत पड़ी।

एक बार चाणक्य के साथ भी ऐसा ही हुआ वो जंगल के रास्ते अपने सिस्यों के साथ कही जा रहे थे और उनको पैरो में कांटा गड़ गया उन्हें बहुत गुस्सा आया उन्होंने अपने सिस्यों से कहा की सारे काँटों को उखाड़ फेको और जाओ कही से छाछ ढूढ़ कर ले आओ। उनके सिस्यों ने जैसे-तैसे छाछ ढूंढ कर लाये लेकिन सिस्यों ने पूछा की ये छाछ क्यों मंगवाए है।

चाणक्य ने उन शिष्यों से उस छाछ को लिया और उन काँटों वाली जगह पर पूरा का पूरा छाछ डाल दिया और अपने सिस्यों को समझाया की जब तुमने इस काँटों को उखाड़ा था तो यह थोड़ी दिन के बाद वापस से उग जाते लेकिन इसमें अब मैंने छाछ डाल दिया है कुछ ही समय के बाद यहाँ पर चीटियाँ आ जाएँगी और पुरे के पुरे कांटे के तने को जड़ के सहित खा जाएँगी इससे कांटे वापस नहीं आ पाएंगे और जड़ सहित ख़त्म हो जायेंगे। इसलिए जीवन में हमेशा याद रखे की समस्याओ को सिर्फ सॉल्व ना करे उन्हें जड़ से ख़त्म कर दे।

2. आवयश्कता से ज्यादा सीधा नहीं होना

दूसरी बात जो आपको हमेशा याद रखना है की आवयश्कता से ज्यादा सीखा नहीं बनना है। चाणक्य कहते है की जंगल में यदि आप जाओगे तो सीधी लकड़ी को ही पहला कटा पाओगे जो टेढ़ी लकड़ी होती है उन्हें कोई हाथ भी नहीं लगाता है। इस बात को आप अपने जीवन में जरूर मह्सुश किया होगा की जितना आप सीधा बनेगे लोग आपको उतना ही कमज़ोर समझेंगे और परेशान करेंगे इसलिए आप जरुरत से ज्यादा सीधे ना बने। परिस्थि के अनुसार अपने आप को ढ़ाल ले। मैंने पहले ही आपको बताया है की चाणक्य बहुत ही कटु सत्य बोलते है जो सुनने में बहुत कड़वा लगता है लेकिन जीवन के लिए बहुत ही सही होता है।

3. अपने रहस्य किसी को न बताये

आपको हमेशा याद रखना है की अपने सीक्रेट को किसी को नहीं बताना है क्योंकि वही आपके बर्बादी का कारण बन सकते है। यहाँ पर मुझे महाभारत की कुछ घटना याद आ रही है। आप सब ने सुना होगा की महिलाओं से पेट में कोई बात नहीं पचती जब भी उन्हें कोई बात पता चलती है तो उनका मन करता है की किसी और को वो बातें बता दे इस बात को महाभारत को एक श्राप से जोड़ा जाता है।

कुंती ने अपने पांचो बेटे को कभी नहीं बताया था की कर्ण उन्ही के भाई है जब कर्ण की मृत्यु हो गयी तब जाकर कुंती ने पांचो भाई को बताया की कर्ण तुम्हारे ही भाई थे और इसी बात से गुस्सा होकर युधिस्टिर ने कुंती को श्राप दिया और सारी महिलाओं को श्राप दिया की आज के बाद आप के पेट में कोई भी बात नहीं रह पायेगी और चाणक्य कहते है की अपने रहस्यों को किसी को बताईये मत अपने पास दबा कर रखिये नहीं तो यही आपके बर्बादी का कारण बन सकती है।

4. हर रिश्ते के पीछे स्वार्थ होता है

अगली बात चाणक्य कहते है जो की बहुत कटु सत्य है की हर रिश्ते के पीछे कुछ ना कुछ स्वार्थ जरूर छुपा होता है चाहे माँ-बाप हो या भाई-बहन चाहे कोई दोस्त हो या कोई भी रिस्ता हो उसके पीछे कोई ना कोई स्वार्थ जरूर छुपा होता है। सुरु-सुरु में तो आपको सारे रिश्ते बहुत अच्छे लगते है लेकिन धीरे-धीरे करके उनके स्वार्थ का आपको पता चलता जाता है और फिर आपको पता चलता है की ये रिस्ता क्यों बनाया। किसी का स्वार्थ बड़ा हो सकता है किसी का स्वार्थ छोटा हो सकता है लेकिन हर इंसान आपसे कुछ ना कुछ पाने की उम्मीद जरूर करता है।

5. सोच समझ कर विस्वाश करे

ये बात चाणक्य ने बहुत ही कड़वी कही है की जो व्यक्ति आपका मित्र नहीं है उस पर तो आपको भरोशा करना ही नहीं चाहिए लेकिन जो व्यक्ति आपका मित्र है उस पर बहुत सोच समझ कर आपको भरोशा करना चाहिए। क्योंकि भविष्य में जब भी आपका उससे झगड़ा होगा तो आपका सीक्रेट बाते कही और जाकर बोल देगा ये तो हर इंसान के साथ होता है और जरूर आपके साथ भी हुआ होगा। किसी व्यक्ति के साथ सालो साल आपकी दोस्ती चली लेकिन किसी कारण वर्ष वो दोस्ती टूट गयी वो दूसरे व्यक्ति के पास चला गया और आपके सारे सीक्रेट वहा पर जा कर कह दिया। इससे आपको जीवन में बहुत सारी मुसीबतो का सामना भी करना पड़ता है इसलिए आप हमेशा सावधान रहिये।

6. कहने के बजाए कर के दिखाए

अगली बात बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है चाणक्य कहते है की अपने बातो को अपने मन में रखे उसे लोगो लो बताये ना और उसे सीधे कर के दिखाए। चाणक्य का कहना था की बोलने से ज्यादा कर के दिखाने में आपका भरोशा होना चाहिए। कई बार आपने लोगो को कहते देखा होगा की मैं ये कर डालूंगा वो कर डालूंगा लेकिन उनसे होता कुछ नहीं है तो आप ऐसा बोल बच्चन करने वाले बिलकुल भी ना बने जो भी चीज़ आपके मन में है जो भी टास्क आपके मन में है उसे मन में रखे और उसे सीधा लोगो को करके दिखाए।

7. मुसीबत के लिए धन बचा कर रखे

अगला पॉइंट जो की बहुत ही महत्वपूर्ण है की मुसीबत के समय के लिए हमेशा धन को इक्क्ठा कर के रखे। ऐसा ना सोचे की धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी कई लोगो को यही लगता है की मेरे पास तो बहुत सारा पैसा है मेरे पास बहुत सारी जाएजात है तो फि मुझ पर मुसीबत नहीं आ सकती लेकिन ध्यान रखिये की जब मुसीबत आती है तो इक्क्ठा किया गया धन भी तेजी से घटता है।

तो ये थी चाणक्य निति की ऐसे बातें जो की बहुत कड़वी है लेकिन बहुत ही सत्य है।

1. समस्या को जड़ से ख़त्म करे।
2. आवयश्कता से ज्यादा सीधा नहीं होना।
3. अपने रहस्य किसी को न बताये।
4. हर रिश्ते के पीछे स्वार्थ होता है।
5. सोच समझकर विस्वाश करे।
6. कहने के बजाए कर के दिखाए।
7. मुसीबत के लिए धन बचा कर रखे।


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