गुरु और शिष्य की कहानी
Guru And Shishya Ki Kahani Motivational Short Stories In Hindi For Success In Life For Students Here, You Can Read Latest Collection Short Motivational Speech In Hindi For Students Life Lessons Motivational Quotes Success Story And Tips
Motivational Short Story In Hindi – एक गुरु और शिष्य जंगल से होते हुए अपने गांव जा रहे होते है अँधेरा काफी हो चूका था। शिष्य ने अपने गुरु से कहा की गुरु की काफी रात हो चुकी है अगर आप कहे तो आज की रात यही आस-पास के किसी गांव में गुजार ले, गुरु जी ने अपना सर हिलाया और वो आस-पास के गांव में एक छोटे से घर के पास जाकर रुके।
अब जैसे ही वहा गए तो गुरु जी के शिष्य ने दरवाजा ठकठकाया उस घर से एक गरीब आदमी बाहर आया तो गुरु जी ने बोला हम अपने गांव जा रहे थे लेकिन काफी रात होने के वजह से हमने इसी गांव में रुकने को सोचा। क्या हम आज रात आपके यहां रुक सकते है।
गरीब आदमी बोला हां क्यों नहीं आप दोनों अंदर आ जाईये अब जैसे ही गुरु जी अंदर गए उन्होंने देखा की उस आदमी के घर में बहुत ज्यादा गरीबी थी।
गुरु जी ने उससे पूछा की आप काम क्या करते हो वह गरीब आदमी बोला की मेरे पास बहुत सारी जमीन है तो गुरु जी ने बोला अगर तुम्हारे पास बहुत सारी जमीन है तो इस तरह से क्यों रह रहे हो।
वह आदमी बोला यह किसी काम की नहीं है, गांव वाले बोलते है की ये बंजर जमीन है यहाँ पर कुछ भी नहीं उगाई जा सकती है और वहा फसल उगाना बहुत बड़ी बेवकूफी है।
गुरु जी ने बोला की तुम्हारा गुजारा कैसे होता है उसने बोला की मेरे पास एक भैस है जिससे मेरा पूरा घर चलता है ये सुनने के बाद गुरु जी सो जाते है और रात में जब सब लोग सो रहे होते है तब गुरु जी अपने शिष्य को उठाते है और उस गरीब आदमी की भैस लेकर अपने गांव चले जाते है।
शिष्य अपने गुरु से पूछता है की गुरु जी कही आप ये गलत तो नहीं कर रहे है उस गरीब आदमी की रोज़ी रोटी इसी भैस की वजह से चलती है तो गुरु जी अपने शिष्य की तरफ देखते है और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाते है।
उस बात को तक़रीबन 10 साल गुजर जाती है और जो गुरु का शिष्य था वह बहुत बड़ा गुरु बन चूका था तो एक दिन उन्हें उस गरीब आदमी की याद आती है की मेरे गुरु ने उस आदमी के साथ अच्छा नहीं किया था मुझे एक बार चलकर देखना चाहिए की वह आदमी अब किस परिस्थिति में है।
वह शिष्य उस गांव की तरफ जाता है और वहा जैसे ही पहुँचता है तो वह देखता है की जहा पर उस गरीब आदमी का झोपड़ा था वहा पर एक बड़ा ही आलीशान महल बन चूका था और उस झोपडी के बाहर जो बंजर जमीन थी उसपर फल और फूलो के बगीचे थे।
तभी उधर से उस घर का मालिक आता है शिष्य उसे पहचान लेता है और उस आदमी को बोलता है तुमने मुझे पहचाना मैं अपने गुरु जी के साथ आया था हमने एक रात के लिए आपके यहाँ रुके भी थे।
वह आदमी उसे पहचान लेता है और बोलता है की उस रात में आप कहा चले गए थे और उस रात के बाद ही मेरी भैस कही चली गयी थी मेरे पास कोई रास्ता नहीं था तो मैंने अपने जमीन पर मेहनत की और फसल निकल आयी और आज मैं इस गांव का सबसे बड़ा और सबसे अमीर आदमी बन चूका हूँ।
ये सुनने के बाद शिष्य के आँखों में अपने गुरु जी के लिए आँशु आ गए और उसे ये बात अब समझ आयी और वो रोने लगा।
इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमारे अंदर ऐसी बहुत सी टैलेंट छुपी हुई है लेकिन हमें कोई ना कोई चीज़ रुका कर रखी है वो आपके फॅमिली वाले भी हो सकते है, आपको जॉब भी हो सकती है कुछ और भी हो सकता है देखिये आपके पास भी तो भैस की जैसी कोई दूसरी चीज़ तो नहीं है जिसने आपको आगे बढ़ने से रोककर रखा है।
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