4 Benefits Of Speaking Less In Hindi – कम बोलने के फायदे

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4 Benefits Of Speaking Less In Hindi - कम बोलने के फायदे।

Benefits Of Speaking Less In Hindi – एक कहावत है की एक चुप व्यक्ति सौ बकवाश करने वाले लोगो पर भारी होता है। यह बात बिलकुल सत्य है जब आप कम बोलते है तब आप की बात में वजन होता है। कम बोलने का ये मतलब बिलकुल भी नहीं की अगर आपके साथ में कोई गलत काम हो या कोई आपके ऊपर अत्याचार करे, आपका फायदा उठाये तो आप आवाज ना उठाये। जब आपके साथ गलत हो तो आपको आवाज उठानी पड़ेगी।

कम बोलने का मतलब है नपी-तुली बातें करना उतना ही बोलना जितना हमें जरुरत है। ये एक सफल व्यक्ति बनने के लिए जीवन में अपनाने वाली सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आदत है और इसके इतने सारे फायदे होते है की आप भी यकीन नहीं करेंगे। जिनमे से कुछ मुख्य फायदे आज मैं आपको बताने वाला हूँ। मुझे मालूम है की ये सभी जानते है की कम बोलना चाहिए लेकिन कभी सायद किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया हो की कम बोलने से आपको कितने ज्यादा फायदे होते है।

1. कम बोलने से आपका ज्ञान बढ़ता है

सबसे पहला फायदा तो ये है की कम बोलने से आपका ज्ञान बढ़ता है। जो लोग ज्यादा बातें करते है ज्यादा बोलते है उनके पास जो जानकारी होती है वो सबसे कह जाते है और कभी-कभी तो अपने जानकारी से अधिक कह जाते है इसकी वजह से उनकी बातें गलत साबित हो जाती है और फिर बाद में कभी उनकी बातो को कोई Seriously नहीं लेता। मतलब उनकी बातो का वजन ख़त्म हो जाता है। लोग समझ जाते है की ये बातूनी स्वभाव का इंसान है इसको आदत है बोलने की और यह कुछ भी बोलता रहता है।

जब की जो लोग सुनने में दिलचस्पी रखते है वो सभी की बातो को ध्यान से सुनते है और इसी कारण उनको किसी ना किसी से सिखने का मौका जरूर मिलता है। तो सुनने वाला बनने से आपको दो बातो का फायदा होता है। पहला तो आपको एक नयी जानकारी मिलती है और दूसरा कम बोलने की वजह से आपकी बात की वैल्यू बढ़ती है।

2. कम बोलने से आपको पछतावा नहीं रहता

कम बोलने का दूसरा फायदा है की आपको बात करने के दौरान या उसके बाद कभी पछतावा नहीं रहता। आपने मह्सुश किया होगा की जब भी आप किसी से बात करते है ज्यादा खुलकर अपने बारे में कुछ बता जाते है तो बाद में आपको पछतावा होता है।

आपको बाद में ध्यान आता है की आपको ये सारी बातें सामने वाले व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए थी और ये गलती उनसे होती है जो ज्यादा बातें करते है तो उन्हें पता ही नहीं चलता की कब क्या बोल जाते है और बातो-बातो में वो अपनी निजी ज़िंदगी के बारे में दुसरो को बता जाते है।

एक सफल व्यक्ति के निजी ज़िंदगी में क्या चल रहा है भविष्य को लेकर उसके क्या Plans है वो कैसे-कैसे अपनी सफलता की तरफ बढ़ रहा है ये सभी चीज़ो को इंसान को सीक्रेट रखना चाहिए और अगर आपका स्वभाव कम बोलने वाला है तभी आप इन सभी चीज़ो को लोगो से छिपाकर रख पाएंगे।

3. कम बोलने से लोग आपको गंभीरता से लेंगे

याद रखिये अपने कामो का ढिंढोरा पीटने वाले ज़िंदगी में कभी सफल नहीं होते और ना ही उनको गंभीरता से लिया जाता है और यही है तीसरा फायदा कम बोलने का की आप अगर कम बोलेंगे तो लोग आपको गंभीरता से लेंगे। मतलब आपकी बातो को महत्त्व देंगे कभी-कभी ज्यादा चुप रहने की वजह से हो सकता है की लोग आपको घमंडी समझे लेकिन जो लोग आपके करीब होंगे या वाकई आपको समझ जायेंगे उनकी गलत फैमी जल्द दूर हो जाएगी। वो समझ जायेंगे की आप एक ऐसे इंसान है जो जरुरत के समय ही बोलते है।

लोग आपके बातो को गंभीरता से लेंगे और ध्यान से सुनेंगे। दोस्तों हमें तभी किसी चीज़ के बारे में बोलना चाहिए या अपनी सलाह देनी चाहिए जब हमें उस चीज़ के बारे में ठोस जानकारी हो। हो सकता है की कम बोलने से लोग ये समझे की आपको किसी चीज़ के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन किसी चीज़ के बारे में बिना जाने उसके बारे में कुछ भी बोल देने से चुप रहना काफी बेहतर होता है।

4. आपके रिश्ते मजबूत होते है

अगला फायदा है की कम बोलने से आपके रिश्ते मजबूत होते है। रिस्तो की नीव होती है एक दुसरो की बात को समझना और किसी की बात को समझने के लिए पहले उसके बात को ध्यान से सुनना जरुरी होता है। जब आप किसी की बात को ध्यान से सुनते है तो सामने वाला व्यक्ति अच्छा मह्सुश करता है और साथ ही साथ सुनने से दुसरो की बातो को अच्छे से समझा जा सकता है उनकी भावनाओ को मह्सुश किया जा सकता है। और इस तरीके से कम बोलने से आपके रिश्ते ज्यादा मजबूत बनते है।

दोस्तों कम बात करने वालो की खासियत ये होती है की वे कम सब्दो में बहुत कुछ कह जाते है और यही कारण है की उनकी बातें हर किसी को याद रह जाती है किसी को उनकी बात सुनने में झिझक नहीं होती इसीलिए लम्बी-लम्बी बातें करने के बजाए, बातो को घुमा फिरा कर करने के बजाय कम शब्दों में स्पष्ट बातें कहे।

कम बोलने का मतलब होता है की हम अपने जीवन से संतुष्ट है हम किसी से बेकार या फिजूल की बातें करना पसंद नहीं करते हम अपने समय की कीमत को जानते है और उसे बेफिजूल की बातें करने में खर्च नहीं करना चाहते।

हम सिर्फ उन्ही लोगो से बात करना पसंद करते है जिनसे बात करना जरुरी हो और उतनी ही बात करते है जितनी बात पर्याप्त हो अगर फिजूल की बातें ना करके अपने समय को बचाना चाहते है उस कीमती समय को जीवन में आगे बढ़ने के लिए लगाना चाहते है और समाज में मान सम्मान हांसिल करना चाहते है अपनी छवि को शांत और शानदार बनाना चाहते है तो इस आदत को अपने जीवन में जरूर उतारियेगा।

दोस्तों, ये तो कुछ ही आदत थे एक बार आप इस आदत को अपनाकर देखिये आपको इसके और फायदे खुद के खुद देखने को मिल जायेंगे। अगर मेरी कही गयी बातो से आप सहमत है और ये बातें आपको सही लगी हो तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा।


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