मौत का कुआँ कहानी
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Maut Ka Kuan Hindi Kahani – आज के आधुनिक दुनिया में इंसान ने कई चीज़ो का आविष्कार किया और विज्ञान के दम पर कई मुकाम भी हासिल किये है। पर इंसान अभी तक ये नहीं जान पाया की मौत के बाद इंसान के साथ क्या-क्या होता है। लोग कथाओ की माने तो कई जगह पर ये माना जाता है की इंसान के मौत होने पर वह तारा बन जाता है जैसे गांव बदलते है वैसे ही कहानिया भी बदलती है।
बात कुछ साल पहले की है मै अभी अभी नहा कर लौटी थी की खबर आयी की गांव के पुराने कुए में कुसुम गिर गयी है। देखते ही देखते ये खबर गांव में आग की तरह फ़ैल गयी सबको कुसुम की फ़िक्र तो थी ही पर सबसे बड़ी फ़िक्र उसके बच्चे की थी। कुसुम पेट से थी।
मै दौड़ी-दौड़ी पुराने कुए के पास पहुंची तो देखा वहा पर पहले से ही भीड़ जमी हुयी है। गांव के एक आदमी ने कुए में छलाँग लगायी और कुसुम की लाश को रस्सी बाँधी क्योकि कुसुम को तैरना नहीं आता था और उसने दम तोड़ दिया था। उस समय वह पेट से थी पानी में गिरने के बाद वह चीखी होगी, चिल्लाई होगी पर पुराने कुए में कम ही लोग पानी भरने आते थे क्योकि कुसुम का खेत कुए के बगल में ही था इसलिए उसका इस कुए पर आना जाना लगा रहता था।
पहले भी कई बार वह इस कुए से पानी भर चुकी थी पर इस बार उसके किस्मत में कुछ और ही लिखा था। लोग कुसुम की लाश को ऊपर खींचने लगे। जैसे ही कुसुम की लाश को ऊपर निकाला गया उसके घर वाले फुट-फुट कर रोने लगे। घर में नए मेहमान के आने की ख़ुशी अब मातम में बदल चुकी थी।
कुसुम का पति तो सुन्न होकर कुसुम की चेहरे को देख रहा था। ना ही वो रो रहा था और ना ही उसके आँख से आँशु आ रहे थे तो बस बिना अपनी पलके झपकाए कुसुम को देखते ही जा रहा था।
कुसुम तो वैसे दुबली-पतली ही थी मगर पानी में ज्यादा देर रहने के कारण उसका शरीर फूल गया था। मैंने यह नजारा पहली बार देखा था हलाकि मुझे डर लगना चाहिए था पर मुझे डर नहीं लग रहा था पर हां एक अगल सी बेचैनी जरूर हो रही थी।
पुलिस मौके पर पहुंची उसने गांव वालो का बयान लिया और अंतिम संस्कार करने की इजाजत दे दी पुराने कुए वाले खेत में ही कुसुम का अंतिम संस्कार किया गया।
मौत तो इंसान के हाथ में नहीं होती शरीर से आत्मा कब निकल जाये किसी को पता नहीं चलता। कहते है अंतिम संस्कार करने के बाद इंसान की आत्मा को शांति मिलती है मगर आत्मा खुद ही शांति न चाहे तो।
उस रात ऐसे कई सवाल मेरे मन में उठने लगे मैंने कई बार करवट बदली पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, पर वक्त के साथ साथ सब ठीक हो जाता है। उस हादसे को गुजरे हुए अब कई महीने हो चुके थे।
एक बार एक मजदूर उस पुराने कुए वाले खेत में काम कर रहा था तभी उसे एक औरत के रोने की आवाज आती है वह कुए के पास जाता है उसने देखा की वह आवाज कुए के अंदर से आ रही थी जैसे ही वह कुए के अंदर देखता है अगले दिन उस मजदूर को तेज बुखार आता है। तेज बुखार से उसका शरीर तप रहा होता है।
वह बार-बार कहता रहा की “मेरे पास मत आओ मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है मुझे छोड़ दो“ उस शाम उस मजदूर की मौत हो जाती है गांव में अब पुराने कुए का डर फैल जाता है कुसुम की आत्मा अभी भी उस कुए में है ऐसी बाते गांव में सुरु हो जाती है।
कुसुम के घरवाले भी कुए के पास वाले खेत में खेती करना छोड़ देते है ये सब सुनकर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरे दादा जी के भी गुजरे कुछ ही महीने हुए थे और उनका अंतिम संस्कार तो हमारे घर के पीछे ही किया था फिर मुझे कभी मेरे दादा जी क्यों नहीं दिखाई दिए।
मेरे दादा जी कहते थे की इंसान मरने के बाद कुत्ते का जन्म ले लेता है इत्तफाक से दादा जी के गुजरने के दूसरे ही दिन हमारे घर में कुत्ते का एक बच्चा लाया गया जिससे की घर की और खेती पर नजर रखी जाये। मन में सवाल फिर से उठने लगे।
मुझे कई बार उस पुराने कुए पर जाने की इच्छा हुयी पर डर के मारे कभी हिम्मत नहीं हुयी हलाकि हमारे घर तक आने का सबसे छोटा रास्ता उसी कुए के पास से गुजरता था पर ये सब होने के बाद हमने दूसरे रास्ते से आना-जाना सुरु कर दिया।
एक रात पिता जी बाजार से घर लौट रहे थे आज उन्हें बहुत देर हो चुकी थी। बारिश का मौषम था रात का अँधेरा और उसमे काले बादल, अचानक जोर से बादल गरजे और बारिश सुरु हो गयी। पापा एक पेड़ के निचे रुक जाते है और बारिश रुकने का इंतजार करते है बारिश रुकने की वजाये और बढ़ रही थी।
उसके बाद उन्हें पुराने कुए के पास छोटा रास्ता याद आता है मेरे पापा भूत-प्रेत पर विस्वाश नहीं करते थे। पापा पुराने कुए के रास्ते पर चल पड़ते है चारो तरफ अँधेरा और तेज़ बारिश की आवाज पापा तेज़ चलने लगते है। तभी उनके पैरो के साथ पायल की आवाज आने लती है पापा एक जगह रुक जाते है तो पायल की आवाज भी शांत हो जाती है।
पापा फिर से चलने लगते है उसी के साथ पायल की आवाज भी आने लगती है तभी उनके पीछे से कोई गुजरता है वह पीछे देखते है तो पीछे कोई नहीं होता, पर जैसे ही वह आगे देखते है उन्हें कुसुम की आत्मा दिखाई देती है उसे देखकर पापा की आँखे फटी की फटी रह जाती है वह डर के मारे पीछे जाने लगते है और कीचड़ में फसकर गिर जाते है। कुसुम की आत्मा धीरे-धीरे पापा के पास आने लगती है।
पापा अपनी आँखे खोलकर देखते है तो हमारा कुत्ता उनका हाथ चाट रहा होता है पापा उसे देखकर राहत की साँस लेते है पापा आस-पास देखते है तो वहा कोई नहीं होता है पापा कुत्ते के साथ घर आ जाते है घर आने के बाद उन्हें ठण्ड लगने लगती है और बुखार भी आता है अगली सुबह डॉक्टर की दवाईओ से उन्हें आराम मिलता है।
उसके बाद वह रात का किस्सा सब घर वालो को बताते है तभी मेरे ताऊ जी कहते है की बढ़े बुजुर्ग ठीक कह गए है मरने के बाद इंसान कुत्ते का जन्म ले लेता है और यह कुत्ता और कोई नहीं बल्कि हमारे पिता जी ही है उन्ही ने ही तुम्हारी उस आत्मा से रक्षा की है फिर से मेरे मन में कई सवाल उठे पर इस बार मै समझ गयी थी की कई सवाल ऐसे भी होते है जिनका जवाब आज तक इंसान ढूंढ ही नहीं पाया। आपको क्या लगता है मरने के बाद इंसान का आखिर क्या होता है।
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