नशेड़ी भूत की कहानी
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Bhutiya Horror Story In Hindi – कुबेर नगर वैसे तो बहुत खूबसूरत गांव था पर यहाँ की हर रात डर से भरी हुयी होती थी इस गांव के गलियारे में एक नशेड़ी भूत घूमता था। नशेड़ी भूत तब तक उस इंसान का पीछा करता रहता जब तक वह अपने घर ना पहुंच जाये।
सारे गांव में नशेड़ी भूत का आतंक था सभी लोग नशेड़ी भूत से डरते थे इसलिए रात होते ही सब लोग अपने-अपने घरो में ही रहते थे। योगी पहली बार कुबेर नगर अपनी दादी माँ के घर आया था।
योगी – मेरी प्यारी दादी, मस्त गांव है दादी कितनी हलचल है यहाँ मुझे तो ये गांव बहुत पसंद आया दादी माँ।
दादी – अच्छा है इस गांव में जब तक उजाला है तब तक सब सही है अँधेरा होते ही ये गांव वीरान हो जाता है। योगी – क्यों?
दादी – बेटा, तू नया है यहाँ पर जल्द ही सब कुछ समझ जायेगा।
योगी – पर क्या दादी माँ।
दादी – इस गांव में रात के समय एक भूत घूमता है नशेड़ी भूत।
योगी – क्या दादी माँ कुछ भी।
दादी – तुझे मेरी बात पर यकीन नहीं ना तो आज रात अपनी आँखों से खुद देख लेना और किसी भी हालत में बाहर मत जाना, ठीक है।
योगी – ठीक है दादी माँ, आज तो आप मुझे भूत दिखा कर ही रहना।
दादी और योगी ने साथ में खाना खाया और दोनों ने अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। आधी रात को आवाज आयी योगी की नींद खुल गयी (सब सो जाओ मैं आ गया, सब सो जाओ मैं आ गया) योगी उठा और उसने खिड़की से झांककर देखा सुरु में तो उसे कुछ नहीं दिख रहा था फिर उसका ध्यान एक साये पर पड़ा धीरे-धीरे वो साया अच्छे से योगी को दिखने लगा था।
योगी ये देखकर दंग था वो साया एक आदमी का था जिसके हाथो में एक बोतल थी उस साये को देखकर गली के कुत्ते भी भाग गए। योगी को अपनी आखो पर यकीन नहीं हो रहा था की वह सच में भूत देख रहा था। उसने खिड़की बंद कर ली और कम्बल में छुपकर सो गया अगले दिन वह दादी से कहा।
योगी – दादी माँ मैंने उसे कल रात खिड़की से देखा।
दादी – मैंने कहा था तुझे, अब बस इतना याद रख की रात के समय घर के बाहर मत निकलना।
योगी – पर दादी माँ ये नशेड़ी भूत है कौन इसकी कहानी क्या है?
दादी – वो सब मुझे नहीं पता तू शिव काका से जा करके पूछ ले।
योगी कहानी पूछने के लिए शिव काका के घर चला गया।
शिव काका – अरे योगी बेटा तुम कब आये।
योगी – कल ही आया काका।
शिव काका – वैसे भी तुम्हारी दादी तुम्हे याद कर रही थी।
योगी – काका मैंने कल रात उस नशेड़ी भूत को देखा, भूत होते है ये मैं मानता ही नहीं था पर मुझे अब ये जानना है की वो कौन है भूत क्यों है क्या आप मुझे कुछ बता सकते है।
शिव काका – हां यह भूत जिसे तुम नशेड़ी भूत के नाम से जानते हो उसका असली नाम गिरधर था। गिरधर इस गांव में आज से 30 साल पहले रहा करता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी कोमल और उसकी बेटी पायल थी। गिरधर अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था वह पायल की शादी तय कर दी, और वह धूम धाम से शादी करना चाहता था इसलिए वह कमाने शहर जाने लगा। वह पायी-पायी कर के पैसे जमा कर रहा था।
एक रात की बात है गिरधर शहर में था और उसका परिवार यहाँ गांव में था। रात के अँधेरे में गिरधर के घर में कुछ लुटेरे घुस गए और उन्होंने गिरधर के घर पर हमला कर दिया घर में माँ बेटी अकेली थी। उसकी पत्नी और बेटी जोर-जोर से चिल्लाने लगी बचाओ बचाओ। दोनों माँ बेटी मदद के लिए गांव में बुला रही थी पर किसी ने उनकी मदद नहीं की। उन चोरो ने घर का सारा सामान लूट लिया और आखिर में दोनों माँ बेटी की जान ले ली।
जब गिरधर ने अपनी बीबी और बेटी की लाश देखी तो उसको शदमा लग गया उसकी पूरी जिंदगी ही उजड़ गयी। जिस बेटी की शादी के लिए वह इतना मेहनत कर रहा था वह अब इस दुनिया में नहीं थी वह पूरी तरह से टूट चूका था और गिरधर ने नशा करना सुरु कर दिया। वह दिन रात नशा करता था नशे ने धुत्त कभी वह यहाँ तो कभी वहा गिरता पड़ता रहता था।
रात में वह गांव की हर गली में घुमा करता था और चिल्लाया करता था (मैं आ रहा हूँ मैं आ रहा हूँ) ऐसे ही किसी रात में उसने दम तोड़ दिया और तब से उसका भूत हर रात गांव में घूमता है।
योगी – ये गिरधर किसी को नुक्सान नहीं देता।
शिव काका – अब तक तो मैंने नहीं सुना ऐसा कुछ लेकिन हां अक्सर लोग गिरधर के भूत को देखकर डर जाते है और बेहोश हो जाते है कुछ लोगो का गिरधर पीछा भी करता है पर उनके घर में घुसते ही वह चुपचाप वहा से चला जाता है।
योगी – ऐसे क्यों?
शिव काका – ये बात तो उसे ही पता होगी मुझे जितना पता था मैंने बता दिया।
योगी को पूरी कहानी नहीं समझ में आयी पर फिर भी वह दादी के घर लौट आया और सोचने लगा की “गिरधर हर रात गांव में क्यों घूमता है अगर उसका मकशद लोगो को नुक्सान पहुंचना नहीं है तो आखिर उसका मकशद क्या है” उस रात योगी सोया नहीं और जैसे ही उसे गिरधर की आवाज सुनाई दी वह घर के बाहर आ गया और वह उसे बुलाने लगा।
योगी – गिरधर.. गिरधर..
अपना नाम सुनकर नशेड़ी भूत रुक गया।
भूत – कौन हो तुम?
योगी – मुझे जानना है की तुम रात भर गांव में क्यों घूमते हो।
भूत – तुम पहले इंसान हो जिसने मुझसे ये सवाल किया है मेरा नाम और मेरी कहानी तो तुम्हे पता ही होगी। मेरे मरने के बाद मैं रात में घूम-घूम कर गांव की रखवाली करता हूँ ताकि कोई और लुटेरा इस गांव में घुस ना सके और जो मेरे परिवार के साथ हुआ वो किसी और के साथ ना हो सके।
गिरधर की बात सुनकर योगी चौक गया वह सोचा नहीं था किसी नशेड़ी भूत के इतने अच्छे उद्देश्य भी होंगे और फिर नशेड़ी भूत अपने गांव के दौरे पर निकल गया (मैं आ गया हूँ, मैं आ गया हूँ)
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