समझदार भेड़िये की कहानी।

समझदार भेड़िये की कहानी

समझदार भेड़िये की कहानी - Moral Stories In Hindi For Children

Samajhdaar Bhediya एक बार की बात है एक बहुत ही समझदार और होशियार भेड़िया जंगल से गुज़र रहा था तो अचानक उसे एक मरा हुआ हाथी दिखाई दिया। भेड़िया ने अपने पंजे से उसकी चमड़ी काटने की बहुत कोशिश करी परन्तु चमड़ी बहुत ठोस होने के कारण उसे काटना या उधेड़ना उसकी शक्ति से बाहर की बात थी।

अचानक एक बब्बर शेर वहां आ गया तभी भेड़िया शेर से बोला – ” महाराज ! मेरे मालिक मैं तो सिर्फ आप के लिए ही इसकी रखवाली कर रहा था कि कब आप यहां आए और मैं आपको यह भेंट दे सकूँ। कृपया आप इसे मेरी तरफ से स्वीकार करें।”

बब्बर शेर बोला “तुम्हारा धन्यवाद”, परन्तु तुम तो मेरा स्वभाव जानते हो कि मैं किसी दूसरे के द्वारा किए गए शिकार को स्वीकार नहीं करता। मैं अपनी ख़ुशी से तुम्हारी यह भेंट तुम्हें सौंपता हूँ इतना कहकर बब्बर शेर अपने रास्ते हो लिया।

परन्तु मुसीबत अभी खत्म कहा हुई थी अब एक साधारण शेर वहां आ पंहुचा वह झट से बोला – ” चाचा जी , चाचा जी आप यहां मौत के मुँह में कहा घूम रहे है। शेर बोला – ” क्या मतलब ? ” भेड़िया बोला – ” चाचा जी इस हाथी को बब्बर शेर ने मारा हैं। और मुझे इसकी रखवाली करने के लिए यहाँ छोड़ा हैं।

जाते जाते राजा जी मुझे यह कह गए थे की, अगर कोई शेर इधर उधर से गुज़रे तो मुझे सूचित कर देना। अब मैं इस जंगल के सारे शेरों को खत्म कर दूंगा। ” इतने सुनते ही शेर कि हवा सरक गई। उसने कहा – ”मेरे प्यारे भतीजे अब तो तुम ही मुझे बचा सकते हो , अगर मेरे बारे में तुम राजा जी को सूचित नहीं करोगे तो मैं बच जाऊंगा। अच्छा तो में खिसकता हूँ ”

यह कहते हुए शेर रफूचक्कर हो गया। उसने जाने भर कि देर थी कि एक चीता वहां आन पड़ा। भेड़िये ने मन ही मन सोचा कि इसके दांत बड़े नोकीले हैं क्यों न हाथी कि चमड़ी इसी से कटवा लूँ। बस फिर क्या था वह झट से बोला – ” क्यों भांजे, कहा रहे इतने दिन बड़े समय से नज़र नहीं आए। और क्या बात है, बड़े कमज़ोर और भूके लग रहे हो।

देखो यह जो हाथी है, इसे बब्बर शेर ने मारा है और मुझे इसका रखवाली करने के लिए कहा गया है, लेकिन यदि तुम इस हाथी का स्वादिष्ट मांस खाना चाहते हो तो जल्दी से इसमें से चीरकर खा जाओ। परन्तु जल्दी करना। कहीं राजा जी न आ जाये। फिर चीता बोला ”नहीं मामा जी मुझे लगता है यह मेरी सेहत के लिए ठीक नहीं

परन्तु भेड़िये ने फिर एक चाल चली और चीते से बोला -” सुनो भांजे हौसला रखो और खाना शुरू करो जैसे ही बब्बर शेर मुझे दूर से दिखाई देगा मैं तुम्हे उसके आने की खबर दे दूंगा। बस झट से भाग जाना” बस फिर क्या था , चीता भेड़िये के झांसे में आ गया और हाथी के पास पंहुचा उसने जैसे ही हाथी की चमड़ी को उधेड़ा भेड़िया चिल्लाने लगा। भांजे फूट लो ! शेर आ रहा है झट से चीता नो दो ग्यारह हो गया। इस तरह भेड़िये ने लम्बे समय के लिये अपने भोजन का प्रबंध कर लिया।

सीख अक्लमंदी से मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान किया जा सकता है।

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