Smartphone Addiction In Hindi – मोबाइल की लत कैसे छोड़े

Smart Phone Addiction In Hindi Powerful Motivational Speech Mobile Phone And Best Solution For Smartphone Addiction In Hindi Here you can read latest collections of Short Motivational Speech in Hindi, Inspirational Speech in hindi for Students Success in life, Long & Short Motivational Story in hindi, Success Story in hindi, Life Lesions and many more.

Smartphone Addiction In Hindi - मोबाइल की लत कैसे छोड़े

Smartphone Addiction In Hindi – एक 13 साल का लड़का अपने घर में सुसाइट कर लेता है और सुसाइट नोट में लिखता है की मम्मी आप रोना मत, ऑनलाइन गेम में 40 हज़ार डूब गए है मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूँ। एक और दूसरे शहर में 14 साल का लड़का है वो सिर्फ इस वजह से सुसाइट कर लेता है क्योंकि उसकी मम्मी उससे Smartphone छिन लेती है और उसे ले करके ऑफिस में चली जाती है। बच्चे को मोबाइल गेम की लत लगी हुयी थी।

ऐसी बहुत सारी खबरे आती है जो खबर सुनने वाले के लिए कोई नयी बात नहीं है। लेकिन जिसके परिवार या उसके किसी Family Member के साथ ऐसा हो रहा है उससे एक बार पूछकर देखिये उसको कितना बुरा लगता है ज़िंदगी जीने का पूरा हौसला टूट जाता है।

हमारे देश में करीब 76 करोड़ लोग Smartphone Use करने वाले है। जिसमे से देश में 38 करोड़ लो किसी ना किसी तरह का गेम जरूर खेलते है। ऐसे में मैं खुद को रोक नहीं पा रहा हूँ ये जानने की कोशिश करने से की आखिर Smartphone के यूज़ से हमारे बच्चो पर कितना बुरा असर पड़ रहा है और क्या इस समस्या का कोई सलूशन है या नहीं।

हर समस्या और समाधान की गहराई से जांच-पड़ताल करने के बाद में ये टॉपिक आपके लिए लाया हूँ इसीलिए इसे आपको बिना Skip किये पूरा देखना चाहिए, हो सकता है आप खुद Mobile Addiction के शिकार हो रहे हो या हो सकता है की आपके फैमिली में ऐसा कोई है जो Smartphone Addiction का शिकार हो रहे है और आपके बच्चे भी हो सकते है और ये बात आपको पता भी नहीं होगा।

आज हम हर उस Point को Cover करेंगे जिनकी हेल्प से हम ये जान सके की कही हम Smartphone के प्रभाव में तो नहीं फस गए। कितने लोगों के फैमिली में इतने बच्चे है जो बिना कार्टून देखे खाना नहीं खाते। वो तब तक कोई बात नहीं मानते जब तक उनके हाथ में Smartphone ना दे दो। ये बच्चो की बात नहीं है बड़े भी कम नहीं है कही पर ट्रेवल करते है तो उनकी मुंडी निचे ही रहती है।

पास पड़ोस में कौन है, देश दुनिया में क्या चल रहा है, प्रकृति में क्या चल रहा है, सर्दी-गर्मी बरसात क्या चल रहा है कोई मतलब नहीं है केवल अपने मोबाइल से मतलब है। WHO ने एक बच्चो को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी जिसमे बताया गया था की उम्र के हिसाब से बच्चो को कितना समय मोबाइल स्क्रीन के सामने गुजारना चाहिए। वो बच्चो की गाइड लाइन थी हम बड़े क्या कर रहे है हम बच्चो के सामने ऐसा क्यों Example पेस कर रहे है।

क्या हमारे सपने इतने हलके है की छोटी सी 4 से 6 इंच की जो स्क्रीन है उसके अंदर ही सिमटकर हम रह गए। यह एक ऐसी लत है ना.. जो बहुत सारे लोगों को चपेट में ले रही है जिसका डायरेक्ट असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। छोटे बच्चो को आप डरा-धमका करके मोबाइल से दूर कर सकते हो लेकिन असली प्रॉब्लम तब आती है जब इंसान समझदार हो और उसके बाद भी वह Smartphone के Addiction में है।

एक रिपोर्ट में आया था की 50 % से ज्यादा Teen Agers मोबाइल फ़ोन Addicted है रिपोर्ट में ये भी बताया गया की 48 % Teen Agers लोग ऐसे है जो Notification को लेकर Addicted है सोशल मीडिया पर कोई भी Notification आता है तो उसको चेक करेंगे। करीब 78 % लोग ऐसे है जो हर घंटे अपने Device को बिना मतलब के चेक करते है ये जो चीज़ है ना वो नसे से भी खतरनाक है मैं यहाँ पर नसे को अच्छा नहीं बता रहा हूँ नशा कोई भी हो बुरा है।

मानता हूँ की आज के समय में Smartphone जरुरी है पढ़ाई उसी में होती है, Online Classes उसी में लगती है, नॉलेज उसी से बढ़ता है, साथ में हमारी Security भी बढ़ती है, कोई भी बच्चा कही भी जा रहा है Exam देने जा रहा है कही पर भी जा रहा है तो मोबाइल जरुरी होता है बात करना जरुरी होता है लेकिन वो जरूरत कही जहर तो नहीं बन रही है।

कितनी फैमिली में ऐसा होता है की स्मार्टफोन को ले करके लड़ाई होती है की सारा दिन मोबाइल को ले करके बैठा रहता है कुछ काम नहीं करता। जहा पर फ़ोन नहीं चलाना चाहिए, जहा पर Situation बोल रही है की यार तुम्हे कुछ और काम करने की जरूरत है वहाँ पर फ़ोन यूज़ किये जा रहे हो। जैसे – सोते समय अपने नींद से Compromise कर लोगे मोबाइल से Compromise नहीं करोगे। भले ही कितने चीड़चिड़े हो जाओ कितने Deprecation आ जाये कितने बेचैनी आ जाये मोबाइल नहीं छूटने वाला। हो क्या रहा है यार?

कोई काम कर रहे हो कही कुछ सिख रहे हो, आपके बिज़नेस को सपोर्ट मिल रहा है, मोबाइल से आपके लाइफ में कुछ Important काम हो रहा है, कुछ Quality Add हो रही है, तो समझ में आता है ये क्या गेम खेले जा रहे हो यार। ये क्या मतलब Social Media पर फोटो पर फोटो डाले जा रहे हो। अगर 10-15 Like कम मिल जायेंगे तो लाइफ में क्या हो जायेगा कुछ घाटा हो जायेगा क्या?

अधिकतर जो Teen Agers और जो Young People है ना वो अपने स्मार्टफोन का यूज़ या तो गेम खेलने के लिए लेते है या फिर फालतू-फालतू का वीडियो देखते रहेंगे, समय पास करते रहेंगे, चैटिंग करते रहेंगे। हमें सबसे पहले ये समझना है की आखिर किसी भी वीडियो को इतना Addictive क्यों बनाया जाता है क्योंकि जो गेम और वीडियो बना रहा है, उनको बिज़नेस करना है।

सुरु-सुरु में हम गेम क्यों खेलते है, वीडियो क्यों देखते है। थोड़ा सा अच्छा लगता है, मोबाइल में आराम से समय पास हो रहा है, मज़ा आ रहा है लेकिन जब असल में वो चीज़ हमारे शरीर में घुल जाती है ना तो हमारे ब्रेन में Dopamine रिलीज़ होता है यह एक Hormone होता है जो तब रिलीज़ होता है जब हमें किसी काम को करने में मज़ा आता है और फिर किसी और काम करने में Dopamine रिलीज़ नहीं होगा।

गेम को ऐसा बनाया जाता है ना.. की उसे अलग-अलग Level पार करने पड़ते है उससे हमें एक Artificial Satisfaction मिलता है की हां यार मैंने इतने लेवल पार कर लिए है। बचपन में जो गेम खेलते थे भागना, दौड़ना, क्रिकेट खेलना वो सब कहा गया। जो Smartphone के अंदर आपके गोल्स है वो आपके रियल लाइफ में क्यों नहीं है।

Games के अंदर क्या होता है, Smartphone के गेम में जब भी आप कोई Level पार करते हो तो आपको Rewards मिलते है Points मिलते है, कही कुछ और मिलता है ताकि जो अगला लेवल है उसे ठीक से पार कर पाओ। उसे पार करने में आपको बहुत मज़ा आ रह है। क्या आप रियल लाइफ में Rewards नहीं दे सकते। अगर आपका होमवर्क पूरा हो गया तो खुद को रिवॉर्ड दो, थोड़ा बाहर घूम कर आओ। अगर आप पढ़ाई कर रहे हो या कोई अच्छा काम कर रहे हो तो जो बिच के 10-12 मिनट का ब्रेक ले रहे हो उसमे Smartphone मत छेड़ो, बाहर जाओ किसी खुली हवा का आनंद लो कुछ और भी कर सकते हो।

कुछ बच्चो के पास में बहुत बड़े लक्ष्य होते है लेकिन वो लक्ष्य के कितने करीब है ये पता नहीं कर पाते लेकिन जब आप मोबाइल में गेम खेलते हो तब आपको पता रहता है की मुझे 70 Points मिल गए मुझे 30 Points और चाहिए, मैं इतना दूर आ गया हूँ इतना दूर और जाना है और उसके बाद मेरा लेवल कम्पलीट हो जायेगा, इसलिए वो अच्छा लगने लगता है।

रियल लाइफ में ऐसा नहीं होता आपको बताना पड़ता है की मंज़िल कितनी दूर है, हो सकता है की आप एक साल में अपनी मंज़िल प्राप्त कर लो या हो सकता है की आपको दस साल लग जाये यह एक सबसे बड़ा रीज़न हो सकता है यहाँ पर इसलिए आपके जो रियल लाइफ के गोल्स है उसमे आपके कोई डोपामाइन नहीं निकल रहा है।

लेकिन एक बार आप सोचकर देखिये की जब आप इस दुनिया से चले जाओगे तो आपको लोग किस लिए याद करेंगे। क्या आपको इसलिए याद करेंगे की भैया उस गेम में 20 Level तक पार कर लिए थे। आपको सिर्फ इसलिए याद किया जायेगा की आपने रियल लाइफ में क्या-क्या किया है।

अगला सलूशन है की बच्चो को उनके Progress के बारे में बताये उनको Motivate करे की वो Self Motivate रहे। भाई ये ज़िंदगी है तुम्हारी जो वीडियो बना रहा है, जो गेम बना रहा है उसका काम है पैसा कमाना। अच्छी चीज़े देखो, अच्छी वीडियो देखो जो आपके लाइफ में कुछ Quality Add कर रही हो ऐसा काम करो जिससे आप अपने लाइफ में आगे बढ़ पाए।

ये जो Smartphone और सोशल मीडिया की लत है ना अगर आप उसमे कोई Productive काम नहीं कर रहे हो तो वो आपको नुक्सान ही कर रही है। मुझे उम्मीद है की आपको स्पीच का मीनिंग समझ में आ गया होगा।


Read Also :-

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top