मौन रहने के 6 फायदे
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Silence रहने की 6 ताकत जान लो – महान आचर्य चाणक्य ने कहा था की जिस व्यक्ति ने ये समझ लिया की क्या, कब, कहा, और कितना बोलना है तो उस व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता ऐसे व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित है।
जिस तरह कमान से निकला हुआ तीर लौटकर कभी वापिस नहीं आता ठीक उसी तरह से मुँह से निकले शब्द कभी वापिस नहीं आते। शब्द और भाषा हथियार है और कमजोरी भी सही समय पर सही शब्दों के प्रयोग से इंसान परेशानियों से बच सकता है। लेकिन बिना सोचे समझे बोले गए शब्द इंसान की मुसीबत को बढ़ा देते है। द्रोपती का ये बोलना की अंधे का पुत्र अँधा ही होता है महाभारत के युद्ध का मुख्य कारण बना था।
आज भी लोग अपनी जबान का इस्तेमाल दुसरो को निचा दिखाने और खुद को बड़ा बताने के लिए करते है लेकिन जो समझदार और सफल इंसान होते है वो ये अच्छी तरह से जानते है की उन्हें किस वक्त कितना और क्या बोलना है। साइलेंट रहने का मतलब ये नहीं है की आपको पुरे दिन एक भी शब्द नहीं बोलना है या चुप चाप रहना है। मौन का मतलब है की बेवजह शब्दों का प्रयोग नहीं करना है। जहा जरुरत है वही ही बोलना है अपनी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है। आज मैं आपको चुप रहने के 7 ऐसे फायदे बताऊंगा जिन्हे जानने के बाद आप आज से ही नहीं बल्कि अभी से उतना ही बोलोगे जितनी आपको जरुरत होगी।
1. ‘मौन’ लोगों का ध्यान खींचती है।
महान आचार्य चाणक्य अपनी चाणक्य निति में बताते है की उन्होंने अपने हजारो सत्रुओ को अपनी ख़ामोशी से परास्त किया था। वो खामोश रखकर अपने सत्रुओ को विचारो में उलझाए रखते थे और सही समय आने पर वह अपने दुश्मनो को ईट का जवाब पत्थर से देते थे।
साइलेंट यानि चुप्पी किस तरह लोगो के Attention को ग्रैप करती है यह बात आप इस उदाहरण से समझ सकते हो की जब क्लास रूम में टीचर किसी विषय पर बात करते है तो Students उनके बात को बिलकुल ध्यान से सुनते है लेकिन जब अचानक टीचर या स्पीकर बोलना बंद कर देते है तो सभी लोग आश्चर्य में पड़ जाते है अरे क्या हो गया भाई Communication बंद क्यों हो गयी। मैं जब स्कूल में था तब अक्सर ऐसा होता था और आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा।
ठीक यही फार्मूला हमारे दैनिक जीवन में भी लागु होता है जब आप अपने काम से काम रखते हो, दुसरो के मामले में दखल नहीं देते हो, जरुरत हो तभी बोलते हो, तो लोगो का ध्यान आपके ऊपर जाता है और अगर आप कम बोलते हो जरुरत हो तभी बोलते हो तो लोग आपकी बातो को ज्यादा महत्त्व देंगे। लोग आपकी बात को उन लोगो की तुलना में ज्यादा प्रेफरेंस देंगे ज्यादा याद रखेंगे जो लोग बिना जरुरत के बक-बक करते रहते है।
2. मौन बातचीत में मदद करता है।
शांत रहना मोल भाव यांनी Negotiate करते वक्त आपकी बहुत ज्यादा हेल्प कर सकता है। बात चित के दौरान जब आप अचानक चुप हो जाते हो और सामने वाले इंसान को जवाब नहीं देते हो तो ये ख़ामोशी उस दूसरे इंसान को ये सोचने पर मजबूर कर देती है की आखिर आप क्या सोच रहे है। तो फिर इसी चीज़ का आपको फयदा उठाना है सामने वाले को ये सोचने दे की आप क्या सोच रहे है।
मान लो आप कोई डील फाइनल कर रहे हो ये सामने वाले पार्टी को जल्दी से Yes या फिर No कह कर जवाब मत दो, कुछ सेकंड का पोज़ लो। आपकी ये चुप्पी सामने वाले इंसान को परेशान करेगी और वो सामने वाला इंसान बोलकर आपकी इस ख़ामोशी को भरना चाहेगा उनको सारी बाते बोलने दे जिससे आपको बात-चित आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और आपका साइड बात चित के दौरान ज्यादा भारी रहेगा।
3. मौन आपको विश्वास बनाने में मदद करता है।
अगर आप एक मजबूत Relationship Build करना चाहते हो तो उससे पहले आपको Trust यानि विस्वाश Build करना होगा और विस्वाश तभी Build होगा जब आप सामने वाले इंसान की बातो को ध्यान से सुनोगे। यानि बातचीत के दौरान बोलोगे कम और सुनोगे ज्यादा। ऐसा करने से दूसरे इंसान को लगेगा की आप एक अच्छे इंसान हो सामने वाले की बात को अच्छे से सुनते हो किसी को भी नजर अंदाज नहीं करते हो और तभी तो वो आपके बातो को अच्छे से सुनेगा और Trust Build होगा।
4. उत्तर प्राप्त करें।
आपने ऐसे कई सारे लोगो को देखा होगा जो कोई प्रश्न पूछने के बाद रुकते ही नहीं है अपनी बक-बक चालू रखते है या फिर दूसरे को बोलने का मौका ही नहीं देते अगर आप भी ऐसा करते तो आप को दूसरे इंसान के Prospective को जानने का मौका ही नहीं मिलेगा लोग आपके प्रश्नो का जवाब ही नहीं देंगे। इसीलिए कोई भी प्रश्न पूछने के बाद आप Silence हो जाओ आप अपना Opinion मत दो लोगो का क्या Opinion है उस बात, पर उस प्रश्न पर आप जानने की कोशिश करो सायद आपको कुछ नया सिखने को मिल जाये।
कुल मिलाकर आप प्रश्न पूछने के बाद जितना जल्दी चुप हो जाओगे आपको उतना जल्दी आंसर मिलेगा। स्वामी विवेकानंद जी जो अपनी बुद्धिमता और विजडम के कारण पूरी दुनिया में जाने जाते है उनमे भी ये Quality देखने को मिलती है वे भी अपने गुरु राम-कृष्ण जी से जब भी कोई प्रश्न पूछते थे तो अपना Opinion तो बाद में देते थे। लेकिन पहले प्रश्न पूछने के तुरंत बाद चुप हो जाते थे ताकि उनके गुरुदेव की क्या राय है उस प्रश्न को लेकर उस बात को लेकर ये जान सके।
5. नम्र शक्ति।
Silence एक Shot Power है मतलब एक ऐसी Powerसे है जिसकी मदद से आप सामने वाले से बिना लड़े हरा सकते है इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है महात्मा गाँधी जी जो की सत्य और अहिंशा के मार्ग पर चले थे और बिना लड़े उन्होंने अंग्रजो को धूल चटाई थी। महात्मा गाँधी जी जानते थे की अगर हमने अंग्रजो से लड़ाई की तो हम उनसे कभी नहीं जित पाएंगे उन्होंने शॉट पावर का इस्तेमाल किया और अंग्रजो को हराया। कई बार लड़ने से और झड़ने से Problem Solve नहीं होती चुप रहने से और शांत हो जाने से प्रॉब्लम सॉल्व हो जाती है।
6. विचारशील मौन।
The Quiet Book के ऑथर Susan Cain अपनी बुक में बताते है की Thought Full Silence कई सारी मुसीबतो से बचा सकती है। एक लड़का लैपटॉप खरीदने जा रहा था तभी उसको रास्ते में वर्षो पुराना एक दोस्त मिलता है जो उसको बोलता है की तुम जहा लैपटॉप खरीदने जा रहे हो उसी के पास में एक घर है वहां ये सामान डिलेवर कर देना वह अपने दोस्त को ना नहीं बोलता है और उसका सामान ले लेता है।
लेकिन जहा सामान डिलेवर करना था वो घर उस दुकान से काफी दूर था उसका बहुत सारा समय बर्बाद हुआ उस आइटम को डिलेवर करने में बाद में जब वह दुकान पर पंहुचा तो वह दुकान बाद हो चुकी थी उसे अपने दोस्त के ऊपर बहुत ज्यादा गुस्सा आया। इसीलिए हमें हमेशा हां नहीं कहना चाहिए ना कहने और Silence के Power को समझना चाहिए।
तो दोस्तों, इन सब बातो से आप ये समझ चुके होंगे की Silence में बहुत ज्यादा पावर है। Silence के Power को कम नहीं समझना चाहिए। Silence आपको बहुत सारी मुसीबतो से बचा सकती है और अगर आप भी इन बताई गयी बातो को उतारते हो जहा जरुरत हो वही बोलते हो तो Definitely आपको बहुत ज्यादा फायदा होगा।
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